दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अतिरिक्त आयुक्त तारिक थॉमस ने राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत के मामले में नगर निगम की विफलता को बुधवार को स्वीकार किया और कहा कि इसमें गंभीर ढांचागत मुद्दे हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों के लिए कोचिंग संस्थानों के प्रमुख केंद्र राजेंद्र नगर में प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत करते हुए, एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घटना के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता है और एजेंसी को अपना कर्तव्य बेहतर ढंग से निभाना चाहिए था।
थॉमस ने राऊज आईएएस स्टडी सर्किल के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों की चिंताओं पर कहा, ‘‘जैसा कि आपने कहा, हमारे सामने ढांचागत मुद्दे हैं और उन्हें व्यवस्थित तरीके से हल करने की जरूरत है, यही मेरा समाधान है।’’
उन्होंने एक छात्र की शिकायत का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं स्वीकार करता हूं कि यह हम सबकी और व्यक्तिगत रूप से मेरी विफलता है। मैं यह दावा नहीं कर रहा हूं कि ऐसा नहीं हुआ है, यह अधिकारियों के रूप में हमारी विफलता है। मैं खुले तौर पर कह रहा हूं कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।’’
यह पूछे जाने पर कि इस घटना में प्रशासन के कामकाज का मूल्यांकन किन मानदंडों पर किया जाना चाहिए, एमसीडी के अधिकारी ने कहा, ‘‘जांच की जा रही है, यह होने दीजिए। आसपास के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। मैं स्वीकार करता हूं कि हमें अपना कर्तव्य बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था और यह घटना नहीं होनी चाहिए थी। कोई बहाना नहीं है...’’
उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर ढांचागत मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। दिल्ली में (समय के साथ) विकास इतना तेज रहा है कि इसने मास्टर प्लान को पीछे छोड़ दिया है।’’
थॉमस छात्रों के विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में उनसे बात कर रहे थे, जो बुधवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले एक छात्र और दो छात्राओं की मौत के बाद यह प्रदर्शन हो रहा है।
यह हादसा उस वक्त हुआ जब बारिश के कारण राऊज आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में पानी भर जाने के बाद कथित तौर पर बायोमेट्रिक युक्त एकल प्रवेश-निकास बिंदु के नाकाम हो जाने के कारण ये छात्र फंस गए।