अब लड़ाई सत्ता बचाने या गंवाने से कहीं आगे निकली, संघ और सरकार में घमासान के आसार
राहुल गांधी की यात्राओं के दौरान ही सामाजिक न्याय और संविधान के मुद्दे गरमा गए थे
इस आम चुनाव से निकली युवा नेताओं की नई पौध अब पुराने पड़ चुके दरख्तों की जगह लेने को तनकर तैयार खड़ी
हालिया चुनावी परिणामों ने पंजाब के माथे पर शिकन ला दी है, इससे सत्ता-विरोधी लहर के उग्र होने की संभावना
राज्य में सभी पांच आदिवासी आरक्षित सीटों से खिसकी भाजपा की जमीन, इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी संकट गहराया
बारामुला में इंजीनियर राशिद की जीत और उमर तथा महबूबा की हार के मायने
अपने समूचे राजनीतिक करियर के दौरान नरेंद्र मोदी एकतरफा बहुमत की सरकारें चलाने के आदी रहे हैं, ऐसे में गठबंधन की सरकार की राह उनके लिए कई चुनौतियां लेकर आई है, तिस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भौंह तनी हुई दिखती है, तो विपक्ष पहले से कहीं ज्यादा मजबूत
विपक्ष को एकजुट करने और ‘इंडिया’ ब्लॉक को धार देने में भी अहम भूमिका निभाई
गेंद को छकाते हुए मैदान के उस पार ले जाकर छेत्री ने भारत में फुटबॉल को रोमांचकारी बनाया
यह सिर्फ प्रचारात्मक फिल्म नहीं बल्कि शोषण को खत्म करने की सरकारी पहल की मुश्किलों को सामने लाती है
सरकार कमजोर हो चाहे मजबूत, परचे लीक होना शाश्वत सच बन चुका है, केंद्र में नई सरकार बनते ही नीट-यूजी के घोटाले का साया उसके सिर पर है और लाखों युवाओं की मेहनत दांव पर
छह खंडों में छपी करीब सवा दो सौ पन्नों की इस किताब में प्रकाशित लेख हमारे समय और भविष्य का दस्तावेज हैं
आज के दौर में अगर चुनावी प्रक्रिया को किसी भी तरह से और बेहतर किया जा सकता है तो सभी दलों की सहमति से उसे जरूर किया जाना चाहिए, लेकिन बिना किसी पुख्ता सबूत के पूरी प्रक्रिया पर ही प्रश्नचिन्ह खड़ा करना उचित नहीं