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कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उलटफेर, माल्टा का नागरिक बरी, क्या थे आरोप?

दिल्ली की एक अदालत ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के कारोबारी भांजे रतुल पुरी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया है। अदालत ने अपने फैसले में क्या बातें कही जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उलटफेर, माल्टा का नागरिक बरी, क्या थे आरोप?
Krishna Bihari Singh भाषा, नई दिल्ली
Mon, 19 Aug 2024, 07:21:PM
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दिल्ली की एक अदालत ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के कारोबारी भांजे रतुल पुरी से जुड़े 354 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल की अदालत ने बैंक ऑफ सिंगापुर के पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर और माल्टा के नागरिक नितिन भटनागर के खिलाफ आरोप खारिज कर दिया। यही नहीं अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि आरोपी के खिलाफ कानूनी रूप से स्वीकार्य सबूतों का एक अंश भी नहीं है।

पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल की अदालत ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी से जुड़े 354 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से संबंधित कथित धनशोधन के मामले में आरोपी माल्टा के नागरिक नितिन भटनागर को बरी करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ कानूनी रूप से स्वीकार्य रत्ती भर भी साक्ष्य नहीं है। इसके साथ ही बैंक ऑफ सिंगापुर के पूर्व अधिकारी और माल्टा के नागरिक नितिन भटनागर के खिलाफ आरोपों खारिज कर दिए गए।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया था कि भटनागर इस मामले में रतुल पुरी के लिए अपराध से अर्जित धन को रखने में शामिल था। न्यायमूर्ति अग्रवाल ने शनिवार को पारित आदेश में कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी ने अपराध किया है। यानी अभियोजन पक्ष इस आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनाने में विफल रहा है, जिसके लिए अभियोजन शिकायत दर्ज करके उस पर मुकदमा चलाया जा रहा था।

पीठ ने भटनागर की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा की इन दलीलों को स्वीकार कर लिया कि आरोपी के धनशोधन करने के बारे में कोई संदेह पैदा नहीं हुआ। ईडी ने पिछले साल 22 अगस्त को भटनागर को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था। मनीलॉन्ड्रिंग का यह मामला सीबीआई की अगस्त, 2019 की प्राथमिकी पर आधारित है।

इसमें आरोप था कि कंपनी मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड (एमबीआईएल) और उसके प्रवर्तकों ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए 354.51 करोड़ रुपये के कर्ज में कथित तौर पर धोखाधड़ी की। बैंक द्वारा सीबीआई को शिकायत भेजे जाने के बाद मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई और ईडी दोनों ने रतुल पुरी, उनके पिता दीपक पुरी, मां नीता (कमलनाथ की बहन) के खिलाफ मामला दर्ज किया था। रतुल पुरी को इस मामले में ईडी ने 2019 में गिरफ्तार किया था जो जमानत पर बाहर हैं।

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