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बाबा केदार के पुराने पैदल रास्ते से भी होंगे दर्शन, केदारनाथ 2013 आपदा में हुआ था धवस्त

केदारनाथ धाम के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। लिहाजा, सरकार ने पुराने पैदल रास्ते को दुरुस्त करने जा रही है। लगभग चार किमी लंबा पुराना पैदल रास्ता नए सिरे से बनना है।

बाबा केदार के पुराने पैदल रास्ते से भी होंगे दर्शन, केदारनाथ 2013 आपदा में हुआ था धवस्त
Himanshu Kumar Lall देहरादून, हिन्दुस्तान टीम,
Tue, 28 May 2024, 11:55:AM
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बाबा केदार के दर्शन करने वाले भक्तजनों के लिए गुड न्यूज सामने आई है। केदारनाथ धाम के लिए पैदल रास्ते से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड सरकार ने रामबाड़ा से पुराने पैदल रास्ते के पुनर्निर्माण का फैसला लिया है।

अगले तीन-चार माह के भीतर इसके तैयार होने पर इससे घोड़े-खच्चरों की आवाजाही होगी। इससे नए रूट पर घोड़े-खच्चरों का दबाव कम होने से तीर्थयात्रियों की मुश्किलें भी कम हो सकेंगी।  2013 की आपदा में रामबाड़ा से लगभग छह किमी का पैदल ट्रैक ध्वस्त हो गया था।

इसके बाद रामबाड़ा के पास मंदाकिनी नदी पर पुल बना कर दूसरा पैदल रास्ता बनाया गया, जिस पर मौजूदा वक्त में यात्रा हो रही है। दिनों-दिन केदारनाथ धाम के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि हो रही है। लिहाजा, सरकार ने पुराने पैदल रास्ते को दुरुस्त करने जा रही है।

लगभग चार किमी लंबा पुराना पैदल रास्ता नए सिरे से बनना है, जबकि अन्य दो किमी पर बीच-बीच में काम किया जाना है। सरकार ने इसके सर्वे कराने के साथ ही काम भी शुरू कर दिया है। इस रास्ते से घोड़े-खच्चर केदारनाथ के लिए आवाजाही करेंगे।

पैदल ट्रैक पर रोटेशन सिस्टम
केदारनाथ और यमुनोत्री ट्रैक पर तीर्थयात्रियों की भीड़ बढ़ने पर पैदल व घोड़े-खच्चरों से जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए रोटेशन सिस्टम कड़ाई से लागू किया जाएगा। फौरी तौर पर यह प्रयोग किया भी जा रहा है। सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय ने बताया कि केदारनाथ रास्ते पर गौरीकुंड से पहले चरण में सुबह छह बजे घोड़े-खच्चर छोड़े जा रहे हैं, फिर दो घंटें बाद घोड़े-खच्चरों से जाने वाले तीर्थयात्रियों को छोड़ा जा रहा है।

सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय ने कहा कि केदारनाथ के पुराने पैदल रास्ते के पुनर्निर्माण पर दोनों तरफ से काम शुरू कर दिया है। तीन-चार माह बाद यह रास्ता दुरुस्त कर लिया जाएगा। इसके बाद घोड़े-खच्चर से जाने वाले तीर्थयात्री इसी रूट से भेजे जाएंगे। 

17 दिन में पहुंचे 12 लाख तीर्थयात्री
मुख्यमंत्री धामी के मुताबिक वर्ष 2022 में 46 लाख और 2023 में 56 लाख यात्री धामों के दर्शन के लिए पहुंचे थे, लेकिन इस बार महज 17 दिन में ही रिकॉर्ड 12 लाख यात्री पहुंच चुके हैं। बोले, यात्रा लगातार बढ़ रही और आने वाले वर्षों में यह और ज्यादा बढ़ेगी।

केदारनाथ धाम को दर्शन के लिए क्रेज
10 मई से शुरू उत्तराखंड चारधाम यात्रा में राजस्थान, मध्य प्रदेश-एमपी, महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों से भारी संख्या में तीर्थ यात्री दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। बदरीनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री समेत चारों धामों में से केदारनाथ धाम में दर्शन करने को सबसे ज्यादा भक्तजन पहुंच रहे हैं। 

भीड़ बढ़ने पर यात्रियों को पड़ावों पर रोका जाएगा
अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने सोमवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर तीर्थयात्रियों के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न सुविधाओं और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि भीड़ बढ़ने पर यात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर ही रोका जाए।

केदारनाथ पहुंचने पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने उनका स्वागत किया। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने बाबा केदार के दर्शन भी किए। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा कि चारधाम यात्रा में आ रहे श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और व्यवस्थाओं की जिलाधिकारी से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं, यात्रियों को कोई असुविधा न हो, उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री द्वारा चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा की जा रही है।

उन्होंने निर्देश दिए कि सबसे पहले अधिक ध्यान सुरक्षित यात्रा पर दिया जाए। केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव सीतापुर, सोनप्रयाग आदि स्थानों पर पार्किंग फुल हो जाती है, तो यात्रियों को पहले ही रोका जाए। जहां उन्हें ठहरने और खाने की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने प्रमुख पड़ाव पर व्यवस्थित यात्रा करने के लिए बेहतर ट्रैफिक प्लान तैयार करने, केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के संबंध में सभी को जानकारी दें।

अगस्त्यमुनि में ठहरने और पार्किंग की पूरी व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सोनप्रयाग पार्किंग फुल होने पर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए उन्हें अगस्त्यमुनि में ही रोका जा रहा है। अगस्त्यमुनि खेल मैदान में यात्रियों की ठहरने और पार्किंग की उचित व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने व्यवस्थाओं पर संतोष जताया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को निरीक्षण में दो टूक कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सेहत से कोई समझौता नहीं होगा। निरीक्षण में उन्होंने न सिर्फ व्यवस्थाओं को परखा, बल्कि यात्रियों को परोसी जा रही चाय का स्वाद भी चखा।

मुख्यमंत्री ने केंद्र में यात्रियों के लिए स्टॉल पर रखे चाय के जार की टोंटी खोलकर गिलास में खुद चाय ली। यही नहीं, यात्रियों के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर के भीतर पहुंचकर पंजीकरण रजिस्ट्रर भी चेक किया। डोरमेट्री में लगे बेड देखने के साथ वातानुकुलित व्यवस्था को देख उनके चेहरे पर संतोष भी दिखा।

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Kedarnath
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