सिमडेगा, दीपक, रिंकू
वैसे तो महुआ फूल की उपयोगिता शराब बनाने के लिए होती है। वहीं इसके फल यानी की डोरी का उपयोग तेल निकालने के लिए भी किया जाता है। महुआ फल से निकलने वाला डोरी तेल काफी उपयोगी है। ग्रामीण इसका उपयोग खाने के लिए तो करते ही है। साथ ही इसके औषधीय गुण के कारण बाजार में भी बिकता है। जिससे ग्रामीणों को आमदनी भी हो जाती है। इन दिनों महुआ का फल पक कर जमीन पर गिर रहा है। जिसे ग्रामीण संग्रहित करने में व्यस्त है। ग्रामीणों ने बताया कि वे महुआ का फल से तेल निकलवाते हैं। जिसे डोरी तेल कहते हैं। उन्होंने बताया कि फल को तेज धूप में कुछ दिन के लिए सुखा कर रख दिया जाता है। फिर उसका तेल मशीन अथवा जोगाडु तकनीक के माध्यम से निकलवाते हैं। वहीं फल ज्यादा होने पर बाजारों में लेकर फल के बदले सरसों तेल अथवा और भी चीजें लेते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पहले वे घर में ही डोरी तेल निकालते थे। लेकिन अब मशीनें उपलब्ध होने से तेल निकलवाने में आसानी हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि डोरी तेल से अच्छी आमदनी हो जाती है। वहीं शहरवासी भी डोरी तेल का उपयोग दीपक जलाने के लिए करते हैं। साथ ही डोरी तेल को शरीर के हाथ-पैर में लगाने के काम में भी उपयोग में लाया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर सरकार डोरी तेल प्रस्सकरण की सुविधा उपलब्ध कराए तो पुरे देश में इसकी मांग होगी और जिले की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
कई उपयोगिता है डोरी तेल की
बताया गया कि डोरी तेल से शरीर की त्वचा में नमी बनी रहती है। बहुत से ग्रामीण सब्जी बनाने में डोरी तेल का ही उपयोग करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि डोरी तेल से अच्छी आमदनी हो जाती है। साथ ही घर में भी इसकी उपयोगिता होती है। डोरी तेल से पहले सब्जी के साथ सब्जी, पकवान भी बनता थ। लेकिन अब इसके इसकी उपयोगिता कुछ कम हुआ है।
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