Live Hindustan आपको पुश नोटिफिकेशन भेजना शुरू करना चाहता है। कृपया, Allow करें।

MP का खूनी मेला: DM-SP की मौजूदगी में बरसे पत्थर; 6 घंटे में 220 घायल

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में अनोखा मेला आयोजित हुआ। आयोजन डीएम-एसपी की देख-रेख में हुआ। मेले में दोनो तरफ से पत्थर बरसे। मंगलवार को छह घंटे के भीतर 220 लोग इस पत्थरबाजी में घायल हो गए।

MP का खूनी मेला: DM-SP की मौजूदगी में बरसे पत्थर; 6 घंटे में 220 घायल
Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, छिंदवाड़ा
Tue, 3 Sept 2024, 06:46:PM
अगला लेख

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में मंगलवार को गोटमार मेले का आयोजन शुरू हुआ। जाम नदी की पुलिया पर पांढुर्णा और सावरगांव के लोग एक-दूसरे पर पत्थरों की बौछार करते नजर आए। यह सब प्रशासन की आँख के सामने हुआ। इस आयोजन में आज मंगलवार सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक पत्थर लगने से 220 लोग घायल हुए हैं। कहानियों के अनुसार जाम नदी के बीचो-बीच झंडेरूपी पलाश के पेड़ को गाड़कर मेले की परंपरा निभाई जाती है और पत्थरबाजी का खेल खेला जाता है।

बताया जाता है की मेले की यह परंपरा 1955 से चली आ रही है। कई लोगों के घायल होने के बाद भी नहीं रुकता है। इसमें स्थानीय प्रशासन भी सहयोग देता हुआ नजर आता है। पुलिस ने मेले में 6 जिलों का बल तैनात किया गया तथा 4 स्वास्थ्य शिविर भी लगाए गए, ताकि किसी भी अनहोनी को कम किया जा सके। मंगलवार सुबह 10 बजे से शुरू हुए मेले में दोपहर 3 बजे तक पत्थर लगने से 220 लोग घायल हुए हैं। 4 की हालत गंभीर है।

आज मंगलवार को 11 लोगों का एक्सरे किया गया। इनमें 3 लोगों के हाथ-पैर की हड्डी टूटी मिली। सभी का सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। एक दिन पहले सोमवार गोटमार मेला की शुरुआत हो चुकी थी। बीएमओ डॉ. दीपेन्द्र सलामे ने बताया कि सोमवार को 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इनमें 4 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है।

मेले के पीछे की किंवदंतियां

गोटमार मेले की परंपरा निभाने के पीछे किंवदंतियां हैं। प्रेमी जोड़े के प्रेम प्रसंग और भोसला राजा के सैनिकों के युद्ध अभ्यास की कहानी को मेले की शुरुआत बताई जाती है। बताया जाता है कि जाम नदी के किनारे पांढुर्णा सांभरगांव वाले क्षेत्र में भोसला की राजा की सेना रहती थी। युद्ध अभ्यास के लिए सैनिक नदी के बीचों बीच एक झंडा गाड़ कर पत्थर बाजी का मुकाबला करते थे और यह अभ्यास लंबे समय तक चलता था। बाद में यह परंपरा बन गई ।

वहीं एक प्रचलित किंवदंती के अनुसार पांढुर्णा के युवक और सावरगांव की युवती के बीच प्रेम संबंध थे। प्रेमी युवक ने सावरगांव पहुंचकर युवती को भगाकर पांढुर्णा लाना चाहा मगर दोनों के जाम नदी के बीच पहुंचते ही सावरगांव में खबर फैल गई। प्रेमी युगल को रोकने सावरगांव के लोगों ने पत्थर बरसाए। वहीं जवाब में पांढुर्णा के लोगों ने भी पत्थर बरसाए। इस पत्थरबाजी में नदी में ही प्रेमी युगल की मौत हो गई और तब से गोटमार मेले की परंपरा शुरू हो गई।

रिपोर्ट विजेन्द्र यादव

ऐप पर पढ़ें
Madhya Pradesh
()=>{if(s&&s.metadata&&s.metadata.dynamicMeta&&s.metadata.dynamicMeta.length){let e=s.metadata.dynamicMeta.find(e=>{if("cutomemeta1"===e.key)return e});if(e&&e.value)return e.value}}
होमफोटोशॉर्ट वीडियोफटाफट खबरेंएजुकेशन
  翻译: